“स्मार्टफोन का वायरल खतरा: स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव”

स्मार्टफोन का वायरल खतरा: स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव:
पहले के समय में रोटी कपड़ा और मकान को ही जीवन का आधार माना जाता था
लेकिन आज इसमें एक और वास्तु शामिल हो गई है और वह है मोबाइल।
छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हर कोई मोबाइल का आदी है।
मोबाइल फोन आज के समय में जरूरत के साथ-साथ हमारी आदत बन गया है सिर्फ हमारे समय का दुरुपयोग है
बल्कि हमारी सेहत के लिए भी बहुत तो हानिकारक है।
स्मार्टफोन से निकलने वाली रेडिएशन सीधा हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करती है।
जब हम मोबाइल फोन का उपयोग करते हैं,
उनसे एक विशेष प्रकार की तरंगें निकलती है जिनको इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन कहते हैं।
इनसे निकलने वाली रेडिएशन से अल्जाइमर कैंसर हार्ट डिजीज और ऑर्थराइटिस जैसी बीमारियां होती हैं।
स्मार्टफोन का वायरल खतरा स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव
स्मार्टफोन का वायरल खतरा स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव

 

मोबाइल के दुष्प्रभाव:

आईए जानते हैं की मोबाइल फोन से हमारे स्वास्थ्य पर क्या क्या दुष्प्रभाव पढ़ते हैं:
1. गर्भावस्था के लिए खतरा:
गर्भावस्था के दौरान मोबाइल का अधिक उपयोग महिला और उसके पेट में पल रहे बच्चे,दोनों के लिए घातक साबित हो सकता है।
प्रेगनेंसी में अधिक मोबाइल इस्तेमाल करने से बच्चे की ब्रेन डेवलपमेंट अच्छे से नहीं होती है।
इससे प्रीमेच्योर डिलीवरी होने का खतरा बढ़ जाता है।
2. बच्चों पर पढ़ने वाले दुष्प्रभाव:
आजकल हम देखते हैं कि हर बच्चा मोबाइल का आदी हो गया है।
बच्चे बाहर खेलने की वजह मोबाइल में वीडियो देखना है गेम्स इतना ज्यादा पसंद करते हैं।
लेकिन यह उनके लिए सबसे बड़ा खतरा है।
अधिक मोबाइल इस्तेमाल करने से ब्रेन ट्यूमर जैसे गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
साथ ही साथ अधिक मोबाइल इस्तेमाल करने से आज छोटे-छोटे बच्चों को चश्मा लग जाता है।
स्मार्टफोन का वायरल खतरा स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव
स्मार्टफोन का वायरल खतरा स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव
मोबाइल की रेडिएशन से बच्चों के दिमागी विकास के साथ-साथ शारीरिक विकास भी पूरी तरह से नहीं हो पता है।
मोबाइल की रेडिएशन की वजह से बच्चों को न्यूरोलॉजिलक डिसऑर्डर होने का खतरा रहता है।
इस तरह के डिसऑर्डर से आपके बच्चे के चलने, सांस लेने के तरीके, किसी नए काम को सीखने की क्षमता पर असर पड़ सकता है।
3. डिप्रेशन की समस्या:
अधिक मोबाइल इस्तेमाल करने से न सिर्फ बच्चे बल्कि बड़ों की भी मेंटल हेल्थ पर असर पड़ता है।
मोबाइल से निकलने वाली रोशनी आपके हार्मोंस और नींद पर प्रभाव डालती है जिससे आपकी मेंटल हेल्थ खराब हो सकती है।

20-20-20 का नियम:

आईक्यू हॉस्पिटल हिसार कंसल्टेंट का कहना है की मोबाइल फोन इस्तेमाल करते समय हमें 20-20-20 के नियम का उपयोग करना चाहिए।
जब भी आप लंबे वक्त तक स्क्रीन पर काम करें तो बीच बीच में ब्रेक लेते रहें।
इसके अलावा 20-20-20 रूल को फॉलो करना चाहिए. इस रूल में जब भी आप 20 मिनट तक स्क्रीन को लगातार देखते हैं
तो आपको 20 मिनट बाद में आंख को ब्रैक देना चाहिए।
इसके लिए आप 20 मिनट तक स्क्रीन देखने के बाद 20 फीट दूर तक देखें और 20 सेकेंड का ब्रेक लें।

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